बच्चों को लू लग जाने पर ये 5 कदम अपनाएं:-
- ठंडे पानी का सेवन: बच्चे को ठंडे पानी से हिदायत करें। उन्हें पीने के लिए ठंडा पानी, नारियल पानी या इलेक्ट्रोलाइट दें।
- ठंडे स्नान: बच्चे को ठंडे पानी में स्नान कराएं। इससे उनका शरीर ठंडा होगा और उन्हें राहत मिलेगी।
- चिपचिपा कपड़ा पहनाएं: उन्हें सिर के गीले कपड़े से ढंके रखें। यह उन्हें ठंडा रखने में मदद करेगा।
- आराम दें: बच्चे को आराम दें और उन्हें ठंडे स्थान पर बिठाएं।
- चिकित्सा चेकअप: अगर स्थिति गंभीर है, तो तुरंत चिकित्सा की जांच कराएं और चिकित्सक की सलाह का पालन करे
बच्चों में लू लगने के लक्षण क्या होते हैं ?
बच्चों में लू लगने के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:-
- ऊतक और तंतु की कमी: Loo लगने पर बच्चों में ऊतकों और तंतुओं की कमी हो सकती है, जो उन्हें थकावट और कमजोरी का अनुभव कराती है।
- बुखार: बच्चों को Loo लगने पर बुखार हो सकता है, जो उनके शरीर के तापमान को बढ़ा देता है।
- शीघ्रता: बच्चों में Loo लगने पर शीघ्रता हो सकती है, जैसे कि झूलना या बेहोशी की स्थिति।
- थकान: वे अधिक थकावट और कमजोरी महसूस कर सकते हैं।
- चक्कर आना: Loo लगने पर उन्हें चक्कर आने की अनुभूति हो सकती है।
- गंधर्व लक्षण: बच्चों में Loo लगने पर उन्हें देह में कमी के कारण गंधर्व लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि उनकी आँखों में अंधेरा होना या त्वचा की सूखापन।
- अवसाद: बच्चों को Loo लगने पर अवसाद महसूस हो सकता है, जो उनकी मनोबल को कमजोर कर सकता है।
अगर बच्चों में ये लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत उपचार के लिए चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
बच्चों में लू लगने क्या खिलाना चाहिए ?
बच्चों में loo लगने पर सही पोषण उपलब्ध कराना बहुत महत्वपूर्ण होता है ताकि उनके शरीर को ठंडा और प्राकृतिक ऊर्जा मिल सके। इस समय, उन्हें उन आहारों को खिलाना चाहिए जो उन्हें हाइड्रेटेड रखें, उनके ऊर्जा स्तर को बनाए रखें और उन्हें सामान्य स्वास्थ्य को बनाए रखें।
- नारियल पानी: यह उन्हें हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है और उन्हें उत्तेजित रखता है।
- आधा पका फल: ताजे फलों में पानी और पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है।
- ठंडा दूध: दूध में प्रोटीन और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है, जो बच्चों की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
- सूप्स और चाय: सूप्स और चाय में पानी की अच्छी मात्रा होती है, जो उन्हें हाइड्रेटेड रखता है और प्राकृतिक ऊर्जा प्रदान करता है।
- फ्रूट चाट: ताजा फलों की चाट बच्चों को नारियल पानी, नींबू का रस, काली मिर्च और नमक के साथ खिलाई जा सकती है, जो उन्हें हाइड्रेटेड रखती है और खाने का मजा भी देती है।
याद रहे, बच्चों को साफ पानी के साथ हमेशा पोषक आहार देना चाहिए और उन्हें तत्काल चिकित्सा संपर्क करना चाहिए अगर उन्हें Loo के लक्षण दिखाई दें।
बच्चों में लू लगने पर क्या नहीं खिलाना चाहिए?
बच्चों को लू लगने पर कुछ खाने या पीने की चीज़ों को तत्काल बंद कर देना चाहिए, क्योंकि ऐसी चीज़ें उनके स्वास्थ्य को और खराब कर सकती हैं। लू के दौरान बच्चों को निम्नलिखित चीज़ों से दूर रखना चाहिए:-
- तेज गर्मी से बनी चीज़ें:- जैसे चाय, कॉफी, गर्म सूप, और गर्म मसालेदार खाने। ये सभी चीज़ें बच्चों को और अधिक गरमा देती हैं और उनकी बीमारी को बढ़ा सकती हैं।
- मीठा और मिठाई:- बच्चों को लू के समय मिठाई या चीनी की चीज़ें नहीं खिलानी चाहिए, क्योंकि इन्हें उनकी गर्मी को बढ़ा सकती है और उन्हें और अधिक बीमार कर सकती हैं।
- खट्टा खाना:- खट्टे फल और उसमें बनी चीज़ों को भी बच्चों को लू के समय खिलाना बंद कर देना चाहिए, क्योंकि ये उनकी पाचन क्षमता को कम कर सकती है और उन्हें और अधिक गरमा सकती हैं।
- फ्रेश जूसेस:- बच्चों को लू के समय तरल परिसंपत्तियों का सेवन कम करना चाहिए, जैसे कि फ्रेश फलों का रस, क्योंकि ये उनकी गरमी को बढ़ा सकता है।
इसके बजाय, उन्हें ठंडे पानी, नारियल पानी, इलेक्ट्रोलाइट देना और उन्हें सुन्दर ठंडा स्नान कराना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें आराम देना और डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए।
बच्चों में लू कितने दिनों में ठीक होगा ?
बच्चों में Loo लगने के बाद उनकी दशा को उनकी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और इसके कारणों पर निर्भर करता है। सामान्यतः, बच्चों में Loo के लक्षण तीन से पांच दिनों के भीतर दिखाई देने लगते हैं। परंतु, लू के प्रभाव की गंभीरता उनकी उम्र, रोग का कारण, और उनके शारीरिक स्थिति पर निर्भर करती है।
Loo के लक्षणों में शीघ्र थकान, उत्तेजना, बुखार, नींद की कमी, चक्कर आना, उदासी, और शिशु की बुखार उत्पन्न हो सकती है। यहाँ यह जरूरी है कि शिशु को पर्याप्त तरह से आराम और पर्याप्त पानी दिया जाए ताकि उनका शरीर उचित रूप से हाइड्रेटेड रहे।
Loo के लक्षणों के दिखने पर, तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए। चिकित्सक बच्चे की स्थिति का मूल्यांकन करेंगे और उचित उपचार का सुझाव देंगे। बच्चे को अपनाए गए उपचार और निरीक्षण के बाद, वे अमूमन तीन से पांच दिनों में सुधारने लगेंगे।
लेकिन यदि Loo के लक्षण गंभीर हों, तो चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, और वे और अधिक समय ले सकते हैं। उन्हें पूरी तरह से स्वास्थ्य और सुरक्षित होने तक निगरानी की जानी चाहिए।
लू का देसी (घरेलू) उपाय ?
loo से बचाव और उपचार के लिए कुछ घरेलू उपाय हैं। यहाँ कुछ देसी टिप्स हैं:
- पानी की खूबसूरती से ताजगी: धूप में रहने से पहले, पानी में ठंडा नामक स्नान करके शरीर की ताजगी को बनाए रखें।
- हाइड्रेशन: धूप में बच्चों को बार-बार पानी पिलाएं। यह उनके शरीर को ठंडा और ऊर्जा प्रदान करेगा।
- साफ और ठंडे पानी का सेवन: बच्चों को ठंडे पानी का अधिक सेवन कराएं। इससे उनका शरीर ताजगी में रहेगा।
- ठंडा बाथ: बच्चों को ठंडे पानी में स्नान कराने से उन्हें आराम मिलेगा और उनका शरीर ठंडा रहेगा।
- पर्सनल हाइड्रेशन: वे हमेशा अपने पास एक पानी की बोतल रखें और ठंडे पानी का सेवन करें।
यदि किसी बच्चे को loo के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत ठंडे और सुरक्षित स्थान पर ले जाएं और चिकित्सक से संपर्क करें।
लू में कौन सा फल और सब्जियां खानी चाहिए ?
loo में शरीर को ठंडा करने और हाइड्रेटेड रखने के लिए कई तरह के फल और सब्जियां फायदेमंद होते हैं। निम्नलिखित फलों को खाना loo में लाभकारी हो सकता है:
- तरबूज: तरबूज एक उत्कृष्ट हाइड्रेटिंग फल है जो पानी की कमी को पूरा करता है और शरीर को ठंडा रखता है।
- तरबूज का रस: तरबूज का रस भी शीघ्र तरीके से ऊर्जा प्रदान करता है और लू के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
- नारियल पानी: नारियल पानी उच्च मात्रा में पानी और विटामिनों का स्रोत होता है, जो शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।
- आम: आम में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो loo के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- ककड़ी: ककड़ी भी उच्च मात्रा में पानी का स्रोत होती है और शरीर को हाइड्रेटेड रखती है, इसके साथ ही यह ठंडा और सुखाने वाला भी होता है।
यह फलों को loo में रोगाणुओं के प्रभावों को कम करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। अगर लू लग गया है तो उपरोक्त फलों का नियमित रूप से सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।