Atherosclerosis कारण, लक्षण और उपचार 2025

Introduction

एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें धमनियों (arteries) की दीवारों पर फैटी पदार्थ, कोलेस्ट्रॉल, और अन्य तत्व जमा होने लगते हैं। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है और धमनियों को संकुचित कर देती है, जिससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है। यह स्थिति हृदय रोगों (heart diseases), स्ट्रोक (stroke), और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

इस Article में हम Atherosclerosis के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें इसके कारण, लक्षण, निदान, और उपचार शामिल हैं। साथ ही, हम बताएंगे कि कैसे इस स्थिति से बचाव किया जा सकता है और जीवनशैली में बदलाव करके इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस क्या है?

Atherosclerosis एक क्रोनिक (chronic) स्थिति है जो धमनियों की दीवारों में जमा होने वाले फैटी पदार्थों (plaque) की वजह से होती है। ये फैटी पदार्थ धीरे-धीरे जमा होते रहते हैं, जिससे धमनियों का संकुचन हो जाता है। जब यह संकुचन बढ़ जाता है, तो रक्त का प्रवाह धीमा हो जाता है और शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बाधित हो जाती है। अगर धमनियां पूरी तरह से बंद हो जाएं, तो यह हार्ट अटैक या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण

  1. उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol):– जब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) का स्तर बढ़ जाता है, तो यह धमनियों की दीवारों पर जमा होने लगता है। यह एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास का मुख्य कारण होता है।
  2. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure):– लंबे समय तक उच्च रक्तचाप धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे धमनियों में फैटी पदार्थ जमा होने लगते हैं।
  3. धूम्रपान (Smoking):– सिगरेट पीना रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचाता है और धमनियों में प्लाक बनने की प्रक्रिया को तेज कर देता है।
  4. मोटापा (Obesity):– अधिक वजन या मोटापा शरीर में अतिरिक्त वसा और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
  5. अनियमित जीवनशैली (Sedentary Lifestyle):– शारीरिक गतिविधियों की कमी से शरीर में वसा का स्तर बढ़ जाता है, जिससे दिल और रक्त वाहिकाओं को नुकसान हो सकता है।
  6. अनुवांशिकता (Genetics):– परिवार में अगर किसी को दिल की बीमारी हो तो आपको भी Atherosclerosis होने की संभावना बढ़ जाती है।

एथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षण

Atherosclerosis के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और इसका प्रभाव धमनियों के संकुचन पर निर्भर करता है। कई बार यह तब तक बिना किसी लक्षण के होता है जब तक कि धमनियों में गंभीर संकुचन न हो जाए। आम लक्षणों में शामिल हैं:

  1. सीने में दर्द (Angina):– जब दिल तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता, तो यह सीने में दर्द का कारण बनता है। इसे एंजाइना कहते हैं, और यह Atherosclerosis का एक प्रमुख लक्षण है।
  2. सांस लेने में दिक्कत (Shortness of Breath):– धमनियों के संकुचित होने से फेफड़ों तक रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
  3. थकान (Fatigue):– शरीर के विभिन्न अंगों तक पर्याप्त रक्त और पोषक तत्व नहीं पहुंचने के कारण अत्यधिक थकान हो सकती है।
  4. पैरों में दर्द (Leg Pain):– Atherosclerosis से पैरों की धमनियों में रक्त प्रवाह में कमी हो सकती है, जिससे चलने या व्यायाम करने पर पैरों में दर्द या कमजोरी महसूस हो सकती है।
  5. दिल का दौरा (Heart Attack):– अगर कोई धमनी पूरी तरह से बंद हो जाती है, तो इससे दिल का दौरा पड़ सकता है।
  6. स्ट्रोक (Stroke):– मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति में कमी होने पर स्ट्रोक हो सकता है, जिससे गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं।

एथेरोस्क्लेरोसिस का निदान

Atherosclerosis का निदान कई प्रकार के परीक्षणों और तकनीकों के माध्यम से किया जा सकता है। इनमें शामिल हैं:

  1. लिपिड प्रोफाइल (Lipid Profile):– यह रक्त परीक्षण शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को मापता है, जो Atherosclerosis का कारण हो सकते हैं।
  2. ईसीजी (Electrocardiogram – ECG):– यह परीक्षण दिल की विद्युत गतिविधियों को मापता है और हृदय की किसी भी असामान्यता का पता लगाता है।
  3. एंजियोग्राफी (Angiography):– यह एक प्रकार का इमेजिंग टेस्ट है, जो धमनियों में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए किया जाता है।
  4. सीटी स्कैन (CT Scan):– इससे धमनियों के अंदर कैल्शियम की मात्रा का पता लगाया जा सकता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस का संकेत हो सकता है।
  5. स्ट्रेस टेस्ट (Stress Test):– यह परीक्षण दिल की कार्यक्षमता को तनाव या व्यायाम के दौरान मापता है और दिल के ब्लॉकेज का पता लगाने में मदद करता है।

एथेरोस्क्लेरोसिस का उपचार

Atherosclerosis का उपचार जीवनशैली में बदलाव, दवाइयां, और गंभीर मामलों में सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है। उपचार का मुख्य उद्देश्य धमनियों में प्लाक को हटाना, रक्त प्रवाह को बेहतर करना, और दिल की बीमारियों को रोकना है।

  1. जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)
  • स्वस्थ आहार (Healthy Diet):– कम वसा और कोलेस्ट्रॉल वाला आहार अपनाएं। फाइबर युक्त आहार, जैसे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज, Atherosclerosis के जोखिम को कम करने में सहायक होते हैं।
  • नियमित व्यायाम (Regular Exercise):– शारीरिक गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। नियमित व्यायाम से दिल की सेहत बेहतर होती है और धमनियों का संकुचन कम होता है।
  • धूम्रपान छोड़ना (Quit Smoking):धूम्रपान से धमनियों को नुकसान होता है, इसलिए इसे तुरंत छोड़ना चाहिए।
  • वजन नियंत्रित करना (Weight Management):– स्वस्थ वजन बनाए रखने से Atherosclerosis का खतरा कम होता है।
  1. दवाइयां (Medications)
  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रक दवाएं (Cholesterol-lowering Medications):– स्टैटिन्स (Statins) जैसी दवाइयां कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और धमनियों में प्लाक बनने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करती हैं।
  • रक्तचाप नियंत्रक दवाएं (Blood Pressure Medications):– उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं, जो एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को कम करती हैं।
  • एंटीप्लेटलेट्स (Antiplatelets):– ये दवाइयां रक्त के थक्कों को बनने से रोकती हैं, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
  1. सर्जिकल उपचार (Surgical Treatments)
  • एंजियोप्लास्टी (Angioplasty):– इस प्रक्रिया में संकुचित धमनियों को चौड़ा किया जाता है और एक स्टेंट (stent) लगाया जाता है, जिससे रक्त प्रवाह में सुधार होता है।
  • बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery):– इस सर्जरी में संकुचित या अवरुद्ध धमनियों को बाईपास करके रक्त का प्रवाह सामान्य किया जाता है।
  • एंडार्टेरेक्टॉमी (Endarterectomy):– इस प्रक्रिया में धमनी के अंदर से प्लाक को हटाया जाता है ताकि रक्त का प्रवाह ठीक से हो सके।

एथेरोस्क्लेरोसिस से बचाव

एथेरोस्क्लेरोसिस से बचाव संभव है, और इसके लिए जीवनशैली में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करना आवश्यक होता है। यहां कुछ उपाय दिए जा रहे हैं जिनसे आप इस बीमारी से

और पढ़ें –heart attack and cardiac arrest में मुख्य अंतर

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