Covishield Vaccine के हो सकते हैं साइड इफेक्ट्स, कंपनी ने कोर्ट में खुद मानी बात, जानें क्या कहा? May 03

Covishield Vaccine के हो सकते हैं साइड इफेक्ट्स, कंपनी ने कोर्ट में खुद मानी बात, जानें क्या कहा?

बनाने वाली कंपनी ने स्वीकार करते हुए माना कि AZ वैक्सीन, बहुत ही रेयर केस में, टीटीएस का कारण बन सकती है.ब्रिटेन की दिग्गज फार्मास्युटिकल कंपनी AstraZeneca ने कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर बड़ी बात स्वीकार की है.

कंपनी ने यूके की अदालत में एक मुकादमें का सामना करते हुए यह माना है कि उसकी  Covishield Vaccine थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

दरअसल, कई लोगों ने यूके हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ मुकादमा दायर करते हुए वैक्सीन के दुष्प्रभाव से गंभीर बीमारी और मौत होने का दावा किया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने वैक्सीन के रेयर साइड इफेक्ट्स के दावे को स्वीकार किया है.

माफी और मुआवजे की मांग कर रहा है पीड़ित परिवार

High Court में पेश किए गए कानूनी दस्तावेज में कंपनी ने स्वीकार करते हुए माना कि Covishield Vaccine (AZ वैक्सीन), बहुत ही रेयर केस में, टीटीएस का कारण बन सकती है। वहीं, मुकदमा दायर करने वाले परिवार का कहना है कि कंपनी उनसे और अन्य इस वैक्सीन से प्रभावित होने अन्य लोगों से माफी मांगे और उन्हें मुआवजा दे.

Oxford University के साथ मिलकर विकसित की थी वैक्सीन

एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर Covishield Vaccine इस को विकसित किया था. बता दें कि कंपनी खिलाफ मुकदामा दायर करने वाले लोगों में जेमी स्कॉट भी शामिल हैं. जिन्होंने कोर्ट में दावा किया है कि वैक्सीन के प्रयोग के बाद उनके शरीर में खून का थक्का जमने लगा और वह काम करने में असमर्थ हो गए. स्कॉट ने बताया कि अप्रैल 2021 में वैक्सीनेशन के बाद, उनके “मस्तिष्क में खून का थक्का जमने लगा और रक्तस्राव” हो गया, जिसके बाद उन्हें स्थाई रूप से मस्तिष्क की बिमारी से गुजरना पड़ रहा है.

क्या होता है TTS थ्रोम्बोसा इटोपेनिया सिंड्रोम

गौरतलब है कि टीटीएस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जिसमें प्लेटलेट कम होने लगता है साथ ही इसका असर मरीज के दिमाग या अन्य अंगों पड़ने लगता है, जिससे की ब्लड क्लॉटिंग होने लगती है. बता दें कि यह एक दुर्लभ बिमारी है, जो वैक्सीन के बाद और अन्य कारणों से भी हो सकती है. राष्ट्रीय आईएमए सीओवीआईडी टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डॉ राजीव जयदेवन ने बताया कि कोवीशील्ड ने कोरोना वायरस से होने वाली कई मौतों को रोका है. लेकिन वैक्सीन लेने के बाद कई लोगों ने इसके साइड इफेक्ट्स की भी शिकायतें की थी.

Note-कोरोनाकाल में Corona कोविड महामारी से लोगों की जान बचाने के लिए देश-विदेश के सरकारों के द्वारा आनन फानन में लोगों के लिए वैक्सीन की व्यवस्था की गयी, लोगों ने वैक्सीन लगवा भी ली. लेकिन, हाल ही में  फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका AstraZeneca की कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट की खबर आने के बाद लोगों के मन में कई तरह की चिंता बढ़ गई है. बता दें कि कंपनी ने कोर्ट में ये बात स्वीकार किया है कि कोविशील्ड Covishield Vaccine से रेयर साइड इफेक्ट्स हुए हैं. 

High Court News

यूके हाई कोर्ट में कंपनी के खिलाफ 51 केस दर्ज हैं. पीड़ित परिवार वाले कंपनी से करीब 1000 करोड़ रुपये (100 मिलियन पाउंड) मुआवजे की मांग कर रहे हैं. भारत में करीब 80 फीसदी वैक्सीन डोज कोविशील्ड की ही लगाई गई है.

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