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अल्सर फटने पर क्या होता है?||peptic ulcer signs & symptoms, best treatment 2024

अल्सर फटने पर क्या होता है?||peptic ulcer signs & symptoms, best treatment 2024

अल्सर फटने पर क्या होता है?||peptic ulcer signs & symptoms, best treatment 2024

Introduction (peptic ulcer)

ulcer फटने पर शरीर में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यह घाव आमतौर पर stomach की अंतिम जठरांत्र में या आंत में होते हैं। जब ये ulcer फटते हैं, तो शरीर में खून का स्राव हो सकता है, जिससे लाल खूनी उलझन, तेज बुखार, उल्टी, पेट का दर्द, और भारी ब्लीडिंग के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यदि इसे समय रहते नहीं रोका जाता है, तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि अनावश्यक ब्लीडिंग, इंफेक्शन, या जीवनसंग्राम। इसलिए, यदि किसी को अल्सर के लक्षण महसूस हों, तो उन्हें तुरंत Doctor से परामर्श लेना चाहिए ताकि उपचार समय रहते मिल सके।

अल्सर क्या है ?(peptic ulcer)

ulcer एक प्रकार की जलन, दर्द और चोट जैसी स्थिति है जो आपके पेट के अंत में या आपकी आंतों की दीवारों पर उत्पन्न हो सकती है।:-

  1. आंतरिक जलन: ulcer की मुख्य पहचान में जलन की भावना होती है, जो आपके stomach के अंदर होती है।
  2. बाहरी लक्षण: यह दर्द के साथ उल्टियाँ, उलटी की इच्छा, खूनी उल्टियाँ, और पेट में सूजन के साथ हो सकता है।
  3. खानपान का प्रभाव: तीव्र या तीखे खाने का सेवन या तला खाना अल्सर के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  4. पेट के दर्द: ulcer के कारण stomach के अंत में दर्द या भारीपन का अनुभव किया जा सकता है।
  5. खून के आवास: गंभीर मामलों में, अल्सर बहुत ही गहरा हो सकता है और खून का आवास कर सकता है, जिससे ब्लडी उल्टी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

ulcer बाहरी कारकों, जैसे अत्यधिक दवाओं का सेवन, तनाव, और अपाची infection के कारण हो सकता है। इसे ठीक उपचार और डाइट में परिवर्तन के माध्यम से प्रबंधित किया जा सकता है। यदि आपको अल्सर के लक्षण महसूस होते हैं, तो Doctor से संपर्क करना जरूरी है।

अल्सर कितने प्रकार के होते हैं ?

अल्सर (Ulcer) कई प्रकार के होते हैं, जो अलग-अलग कारणों और स्थितियों से उत्पन्न हो सकते हैं। अल्सर के कुछ प्रमुख प्रकार:-

  1. पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcer):-
    • यह अल्सर पेट की आंतों में होता है, जो कीमोट्रायलिजिकल इम्बैलेंस की वजह से होता है।
    • पेट, छाती और डूडेनम (आंत की पहली भाग) में पेप्टिक अल्सर हो सकता है।
  2. जीआई अल्सर (Gastric Ulcer):-
    • यह अल्सर पेट के अंदरी भाग में होता है, जिसे जीआई ulcer कहा जाता है।
    • इसके कारण और लक्षण पेप्टिक अल्सर के लक्षणों के समान होते हैं।
  3. ड्यूडेनल अल्सर (Duodenal Ulcer):-
    • यह अल्सर डुओडेनम  में होता है, जो पेट के ऊपरी भाग में होता है।
    • अक्सर खाने के बाद कीमोट्रायलिजिकल इम्बैलेंस के कारण उत्पन्न होता है।
  4. स्किन अल्सर (Skin Ulcer):-
    • यह अल्सर त्वचा के किसी भाग में हो सकता है, जो चोट, इन्फेक्शन या अन्य तत्वों के कारण हो सकता है।
  5. मुख और गले के अल्सर (Mouth and Throat Ulcers):-
    • यह अल्सर मुख और गले में हो सकता है, जो अक्सर infection या त्वचा के अपशिष्ट खाने की वजह से होता है।

ulcer के इलाज के लिए Doctor द्वारा निर्धारित उपचार का पालन करना महत्वपूर्ण है। इलाज के दौरान आहार और lifestyle में भी परिवर्तन करना आवश्यक हो सकता है।

अल्सर होने का कारण?

अल्सर कई कारणों से हो सकता है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:-

  1. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी इन्फेक्शन (Helicobacter pylori Infection):- यह बैक्टीरिया पेट के अंदरी भाग में अल्सर के कारण बन सकता है।
  2. अनियमित भोजन (Poor Diet):- अनियमित खानपान, तला हुआ, मसालेदार और तीखा भोजन खाने, तेजी से भोजन करने और धूम्रपान आदि का सेवन करने से भी अल्सर हो सकता है।
  3. अत्यधिक दवाओं का सेवन (Excessive Use of Medications):- कुछ दवाओं का अधिक सेवन, जैसे कि एस्पिरिन और नॉनस्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं (NSAIDs), अल्सर के लिए जोखिम बढ़ा सकता है।
  4. जीआई बीच में इन्फेक्शन (Gastrointestinal Infections):- कुछ stomach के संक्रमण भी अल्सर का कारण बन सकते हैं।
  5. धूम्रपान (Smoking):- धूम्रपान करने से पेट की आंतों में ulcer के विकास का जोखिम बढ़ सकता है।
  6. स्ट्रेस (Stress):- लंबे समय तक की तनाव, चिंता और अधिकतम दबाव भी अल्सर का कारण बन सकते हैं।

अल्सर के कारण को ध्यान में रखते हुए treatment और बचाव के उपाय अपनाना चाहिए। यदि किसी को अल्सर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें Doctor से परामर्श लेना चाहिए।

अल्सर कितने दिनों में ठीक होता है ?

ulcer का इलाज और ठीक होने का समय व्यक्ति के रोग के स्थिति, उम्र, और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, अल्सर अनुकूल उपचार के बाद कुछ हफ्तों में ही ठीक हो जाता है, जबकि अन्य मामलों में यह कुछ हफ्तों या महीनों का समय ले सकता है।

अल्सर के उपचार में डॉक्टर द्वारा प्रदत्त दवाओं का सही समय पर सेवन करना, सेहतपूर्ण आहार लेना, स्ट्रेस को कम करना, और नियमित चेकअप कराना महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा, अल्सर के उपचार में डॉक्टर के सुझावों का पालन करना भी जरूरी है।

सामान्यतः, ulcer के इलाज के दौरान बेहतरी के लक्षण समय समय पर दिखाई देने लगते हैं, और रोगी की स्थिति में सुधार होती है। इसलिए, अल्सर के ठीक होने का समय व्यक्ति के व्यक्तिगत स्थिति पर निर्भर करता है। अल्सर के इलाज के बाद भी, नियमित चेकअप करवाना और Doctor के सुझावों का पालन करना जरूरी होता है ताकि व्यक्ति की स्थिति का नियंत्रण बना रहे।

अल्सर का टेस्ट कैसे होता है ?

ulcer का निदान कई तरीकों से किया जा सकता है। यहां कुछ प्रमुख टेस्ट के बारे में जानकारी दी गई है:-

  1. उपचारी परीक्षण (Endoscopy): यह एक प्रमुख test है जिसमें एक फ्लेक्सिबल एंडोस्कोप को गला या पेट के अंदर डाला जाता है। इसके द्वारा Doctor अल्सर को देखकर और उसका आकार, स्थान और गहराई का मूल्यांकन करता है।
  2. ऊपरी जलद गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल सीरीज (Upper Gastrointestinal Series): इस टेस्ट में रेडियोग्राफ़ी के जरिए गला और पेट के अंदर की छवियों को लिया जाता है।
  3. हेलिकोबैक्टर पाइलोरी टेस्ट (Helicobacter pylori Test): यह टेस्ट द्वारा अल्सर का कारण होने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी bacteria की पहचान की जाती है, जिसे कुछ रक्त परीक्षण, फेसेस टेस्ट, और ऊरीन टेस्ट द्वारा किया जा सकता है।
  4. ब्लड टेस्ट (Blood Test): कुछ सिद्धांतों के अनुसार, ब्लड टेस्ट के माध्यम से अल्सर का पता लगाया जा सकता है, जैसे कि हेमोग्लोबिन की गति या हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के लिए एंटीबॉडी की परीक्षण।

ये टेस्ट्स अल्सर का निदान करने में मदद करते हैं।

अल्सर का ऑपरेशन कैसे होता है ?

अल्सर का operation कई तरीकों से किया जा सकता है:-

  1. वायरसी ऑपरेशन (Vagotomy): यह ऑपरेशन वायरसी नर्वों को काटकर उन्हें निष्क्रिय कर देता है, जिससे पेट की अल्सर के उत्पन्न होने की संभावना कम हो जाती है।
  2. पाइलोरोप्लास्टी (Pyloroplasty): इसमें पाइलोरस (पेट की आंत का बाहरी भाग) को खोला जाता है ताकि खाना पेट से आंतों में आसानी से जा सके।
  3. गैस्ट्रिक बाइपास (Gastric Bypass): इसमें पाइलोरस को अनदेखा किया जाता है और खाना सीधे पेट के आंतों में पहुंचाया जाता है।
  4. पेप्टिक अल्सर की ऑपरेशन (Peptic Ulcer Surgery): इस ऑपरेशन में अल्सर के उपचार के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे की बॉरिंग (Burring), एक्सिसीजन (Excision), और सेगमेंटल रिसेक्शन (Segmental Resection)।
  5.  के दौरान, डॉक्टर उचित संकेतों और रोगी की स्थिति के आधार पर उपयुक्त तकनीक का चयन करेंगे। समय-समय पर इन्हें और अन्य चिकित्सा उपायों के साथ मिलाकर उपचार किया जाता है ताकि रोगी की स्थिति को सुधारा जा सके।

अल्सर को जड़ से खत्म करने का उपाय ?

अल्सर को जड़ से खत्म करने के लिए कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं:-

  1. दवाइयाँ:- डॉक्टर के परामर्श के बाद दवाइयों का सेवन करें, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, प्रोटोन पंप इन्हिबिटर्स, और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी के इलाज के लिए दवाएं।
  2. सही खानपान:- अल्सर के रोगी को मसालेदार, तली हुई, और तीखे खाने से बचना चाहिए। हेल्दी और संतुलित आहार का सेवन करें।
  3. धूम्रपान और अल्कोहल का त्याग:- धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन बंद करें, क्योंकि ये अल्सर को बढ़ा सकते हैं।
  4. स्ट्रेस कम करें:- संतुलित और तनावमुक्त जीवनशैली का पालन करें, स्वास्थ्य को स्थिर रखने में मदद करेगा।
  5. हेल्दी लाइफस्टाइल:- नियमित व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें, इससे शरीर की क्षमता मजबूत होगी और अल्सर के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी।
  6. चिकित्सा परीक्षण:- नियमित चिकित्सा परीक्षण कराएं, ताकि डॉक्टर आपकी स्थिति का सही निरीक्षण कर सकें और उचित उपचार का सुझाव दे सकें।

अल्सर के इलाज में Doctor की सलाह को प्राथमिकता देना चाहिए। अपने डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी उपाय न आजमाएं।

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