sinus और fistula क्या है? Best explain in hindi 2024

Introduction

साइनस और फिस्टुला दो अलग-अलग मेडिकल स्थितियाँ हैं:-
  1. साइनस:- साइनस एक समस्या है जो नाक के पास खोखले इलाकों में बदलाव को दर्शाती है। यह वायु और मुछलाधार को बाहर निकालने के लिए नाक में मौजूद छोटे तारलिका के ब्लॉकेज के कारण होता है। इससे व्यक्ति को नाक बंदी, सीने में दर्द, और मुँह से बदबू की समस्या हो सकती है।
  2. फिस्टुला:- फिस्टुला एक प्रकार की गहरी और बाहरी छेद होती है, जो शरीर के दो अलग-अलग भागों को जोड़ती है। यह आमतौर पर एक ब्याजर के रूप में निकलती है, जो किसी विशेष संक्रमण या घाव के कारण बन सकती है। फिस्टुला के लक्षण में सूजन, दर्द, और अंदर की बदबू शामिल हो सकती है।

sinus क्या है ?

sinus क्यों होता है ?
sinus एक स्थिति है जो नाक के पास कुछ air-filled spaces में होती है। यह आमतौर पर नाक के अंदरी भाग में छोटे-छोटे tube संरचनाओं में होता है, जिन्हें sinus कहा जाता है। ये साइनस वायु और मुछलाधार को नाक से बाहर निकालने में मदद करते हैं। जब ये साइनस ब्लॉक हो जाते हैं, तो इसका परिणाम होता है नाक बंद होना, सीने में दर्द, और मुँह से बदबू की समस्या। साइनस के इलाज के लिए अक्सर दवाइयों का उपयोग किया जाता है, लेकिन कई बार home रेमेडीज़ और स्थायी उपचार भी असरदार होते हैं।

sinus क्यों होता है ?

साइनस के होने के कुछ मुख्य कारण होते हैं:-

  • संक्रमण:- यह सबसे सामान्य कारण है। नाक और साइनस क्षेत्र में बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण से साइनस का विकार हो सकता है।
  • नाक की बंद होना:– नाक में खासतौर पर ठंड के मौसम में बंद होने से, नाक की साइनस ट्यूब्स बंद हो सकते हैं, जो साइनस की समस्या को बढ़ा सकता है।
  • एलर्जी:- धूल, पोल्लन, या अन्य एलर्जेन्स साइनस के विकार का कारण बन सकते हैं।
  • अधिक धूल और प्रदूषण:- अधिक धूल और प्रदूषण के कारण भी साइनस की समस्या हो सकती है।
  • अधिक धूम्रपान:– धूम्रपान करने वाले लोगों में साइनस की समस्या का खतरा अधिक होता है।
  • नियमित नाक सूखापन:- नाक में स्नायु को आराम देने के लिए नियमित नाक सूखापन करने से भी साइनस की समस्या हो सकती है।

sinus कितने प्रकार के होते हैं ?

साइनस कई प्रकार के होते हैं।

  • अकुट साइनसाइटिस:- यह साइनस के एक अचानक संक्रमण का परिणाम होता है जो अधिकांश बार सर्दी-जुकाम के समय होता है।
  • प्रोलॉंगेड साइनसाइटिस:- यह साइनसाइटिस की लंबी अवधि तक चलने वाली स्थिति होती है जो अधिकांश बार संक्रमण के अपरिचित चिकित्सा से उत्पन्न होती है।
  • अलर्जिक साइनसाइटिस:- यह साइनस के उत्तेजक प्रतिक्रिया के कारण होता है, जो आमतौर पर पोलेन, धूल, या प्रदूषण के संपर्क में आने पर होता है।
  • नसों की उच्चतम साइनसाइटिस:- यह साइनस के ऊपरी हिस्से के संक्रमण का परिणाम होता है और अक्सर सीने के पास दर्द और दबाव का कारण बनता है।
  • साइनस फिस्टुला:- यह एक गहरी और बाहरी छेद होता है, जो साइनस के संक्रमण के परिणामस्वरूप बनता है।

sinus के नुकसान ?

sinus क्यों होता है ?

सीने में दर्द: साइनस के संक्रमण या ब्लॉकेज के कारण सीने में दर्द और असहनीयता हो सकती है।

  1. मुँह से बदबू: साइनस के संक्रमण के समय व्यक्ति को मुँह से बदबू की समस्या हो सकती है।
  2. नाक से बहना: साइनस के संक्रमण के कारण नाक से मूक्षिका या रक्त बहने की समस्या हो सकती है।
  3. दिमाग की समस्याएँ: लंबे समय तक साइनस की समस्याएँ रहने पर, व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं जैसे कि उदासी, थकान, और चिंता।

sinus का  परमानेंट इलाज ?

साइनस के उपचार में  कई उपाय हो सकते हैं:-

  1. दवाइयाँ:- sinus के उपचार में आमतौर पर दवाइयाँ उपयोग की जाती हैं, जैसे कि antibiotic, नाक छीँटने वाली दवाइयाँ, और antihistamine
  2. होम रेमेडीज़:- घरेलू उपचार में नेती पोटी, गरम पानी की बोतल, और गर्म जल बाँधने से राहत मिल सकती है।
  3. आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे:– तुलसी, अदरक, शहद, और हल्दी जैसी चीजें आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार के रूप में उपयोगी हो सकती हैं।
  4. सर्जरी:- गंभीर मामलों में, जब उपरोक्त उपायों से राहत नहीं मिलती है, सर्जरी की भी आवश्यकता हो सकती है।
  5. स्वस्थ जीवनशैली:- प्रतिदिन की सही दिनचर्या, स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी पीना, और धूल और प्रदूषण से बचना भी sinus की समस्याओं को दूर कर सकता है|

sinus का घरेलु उपाय ?

sinus की समस्या को घरेलू उपायों से भी नियंत्रित किया जा सकता है। यहाँ कुछ सरल और प्रभावशाली घरेलू उपाय हैं:-

  1. गरम पानी की भाप:– एक पाइप के माध्यम से गरम पानी की भाप लें। इसे नाक में सुन्दरी लें। यह मूक्षिका को ठीक करने और साइनस की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
  2. गुड़ और लौंग:- एक चमच गुड़ को पीस कर लौंग के साथ मिलाएं। इस मिश्रण को रोजाना खाने से साइनस से आराम मिल सकता है।
  3. जल नेति:– गरम पानी में नमक मिलाकर नेती पोटी का उपयोग करें। इससे नाक के अंदर की कीटाणुओं को साफ किया जा सकता है।
  4. अदरक और शहद:- अदरक को पीस कर शहद के साथ मिलाकर सेवन करें। इसमें वायुसंशोधक गुण होते हैं जो साइनस की समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।
  5. पानी पीना:- प्रतिदिन पर्याप्त पानी पीना भी साइनस की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। यह रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देता है और साइनस में संक्रमण से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है।

sinus कितने दिनों का होता है ?

साइनस का उपचार समय विशेष पर निर्भर करता है। सामान्यतः, यह कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक का समय ले सकता है, विशेष रूप से यह उसके कारणों और गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ लोगों के लिए साइनस की समस्याएँ समय समय पर आवर्ती होती रहती हैं, जबकि कुछ लोगों को यह दिनों या हफ्तों तक तकलीफ़ पहुँचा सकता है। अगर साइनस की समस्या गंभीर हो और लंबे समय तक बनी रहती है, तो चिकित्सक से संपर्क करना सबसे अच्छा है।

sinus का दर्द कहाँ कहाँ  होता है ?

साइनस का दर्द आमतौर पर नाक, चेहरे और सिर के कुछ खास इलाकों में महसूस होता है। यहाँ साइनस के दर्द के कुछ प्रमुख स्थान हैं:-

  • नाक के ऊपरी भाग में:– यह बाएं और दाएं नाक के बीच के स्थान में महसूस हो सकता है।
  • चेहरे की ऊपरी हिस्सा:– आंखों के नीचे, माथे के ऊपर, और आंखों के पास दर्द महसूस हो सकता है।
  • सिर के पीछे:- नकारात्मक प्रभावों के कारण सिर के पीछे भी दर्द हो सकता है।
  • मुख के आस-पास:– नाक के पास, मुँह के आस-पास, और चेहरे के अन्य हिस्सों में भी दर्द महसूस हो सकता है।

इन स्थानों पर दर्द के साथ-साथ, साइनस के संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं जैसे कि नाक बंदी, बहुलता, और सिरदर्द।

sinus का परहेज क्या है ?

साइनस की समस्या को कम करने के लिए निम्नलिखित परहेज़ बनाए रखने में मदद मिल सकती है:-

  1. गरम पानी से भाप लेना:– रोजाना गरम पानी के बर्तन में सुन्दरी लें या गरम पानी की भाप लें। इससे नाक की सफाई होती है और साइनस की समस्याएं कम होती हैं।
  2. नेती पोटी का उपयोग:– नाक में गरम पानी में नमक डालकर नेती पोटी का उपयोग करें। इससे नाक से मूक्षिका निकलता है और साइनस संक्रमण से आराम मिलता है।
  3. अधिक पानी पीना:– अधिक पानी पीना साइनस को साफ और नम रखता है, जिससे साइनस समस्याएँ कम होती हैं।
  4. रात को सही सोना:– सिर को उच्च पॉजिशन में रखने से रात को साइनस की समस्याओं में राहत मिल सकती है।
  5. अधिकतम धूल और प्रदूषण से बचें:– धूल, धुंध, या धुआं से संपर्क से बचें, क्योंकि इससे साइनस की समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

sinus में गाय का घी कैसे मदद करता है ?

साइनस में गाय का घी लगाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:-

  1. पहले, गर्म पानी में एक छोटी सी रोटी या कपड़ा गीला करें। इसे गर्म पानी से अच्छे से भिगो दें।
  2. अब, इस गरम कपड़े पर गाय का घी लें। यह धीरे-धीरे गरम कपड़े पर फैलाएं।
  3. गरम कपड़े को साइनस क्षेत्र पर स्थानांतरित करें। इसे धीरे-धीरे दबाएं ताकि घी अच्छे से नाक के अंदर चला जाए।
  4. इसे रात को सोते समय करें, ताकि घी पूरी रात नाक के अंदर रह सके और साइनस की समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सके।
  5. इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करें, अधिकतम लाभ के लिए हर रोज़ सोते समय करें।

यह sinus के लिए प्राकृतिक और प्रभावी घरेलू उपचार है, लेकिन यदि समस्या गंभीर है या बढ़ रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।

 sinus की जाँच कब कराएं ?

साइनस की जाँच कराने का सही समय निम्नलिखित हो सकता है:-

  1. यदि आपको नाक बंदी, सीने में दर्द, या नाक से बहने की समस्या है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  2. यदि आपको बार-बार सर्दी-जुकाम होता है और साइनस संबंधित समस्याएँ हैं, तो भी जाँच कराने की आवश्यकता हो सकती है।
  3. यदि आपको sinus संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जैसे कि उच्च तापमान, नाक की बहना, या चेहरे में दर्द, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  4. आपके डॉक्टर द्वारा अनुशंसित समयानुसार नियमित चेकअप और जाँच कराना महत्वपूर्ण हो सकता है।

sinus में क्या क्या नहीं खाना चाहिए ?

साइनस की समस्या के दौरान निम्नलिखित चीजें न खाना चाहिए:-

  1. ठंडे और बार्फ़ीले आहार:– ठंडा और बार्फ़ीला खाना साइनस की समस्याओं को बढ़ा सकता है।
  2. तली हुई और अधिक मसालेदार खाने:– तली हुई और अधिक मसालेदार खाने से दर्द बढ़ सकता है।
  3. दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स:– कई लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स की एलर्जी होती है, जो साइनस समस्याओं को बढ़ा सकती है।
  4. अधिक मीठा और तला हुआ खाना:– अधिक मीठा और तला हुआ खाना साइनस की समस्याओं को बढ़ा सकता है।
  5. अल्कोहल और निकोटीन:- अल्कोहल और निकोटीन साइनस की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं और दर्द को बढ़ा सकते हैं।

इन चीजों के अलावा, जो भी खाना चुनते हैं, उन्हें ध्यान में रखना चाहिए कि वे अपने शरीर के लिए सही हों और साइनस की समस्याओं को और बढ़ावा न दें।

क्या sinus बिना सर्जरी के ठीक हो सकता है ?

हां, साइनस को बिना सर्जरी के भी ठीक किया जा सकता है।

  1. दवाइयाँ:- डॉक्टर द्वारा प्राप्त दवाइयों का सेवन करना साइनस की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है, जैसे कि एंटीबायोटिक्स, नाक की छींट, और एंटीहिस्टामीन्स।
  2. होम रेमेडीज़:- घरेलू नुस्खों का उपयोग करना, जैसे कि नेती पोटी, गरम पानी की बोतल, और अदरक-शहद की चाय, साइनस समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
  3. नेती पोटी:- नेती पोटी का उपयोग करके गर्म पानी में नमक मिलाकर नाक को धोना साइनस संक्रमण से राहत दिलाता है।
  4. उच्च पानी की उपचार:– प्रतिदिन काफी पानी पीना, जिससे शरीर से विषैले पदार्थों का निकाल हो और साइनस समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
  5. चिकित्सा निदान:– डॉक्टर से नियमित चेकअप करवाना और उनकी सलाह का पालन करना, ताकि वे सही उपचार प्रदान कर सकें।

Note-साइनस समस्याओं के इलाज में ये उपाय कारगर हो सकते हैं, लेकिन यदि समस्या गंभीर है या इन उपायों से राहत नहीं मिलती है, तो सर्जरी भी एक विकल्प हो सकता है।

sinus गर्मी में क्यों होता है ज्यादातर ?

साइनस गर्मी में ज्यादा होता है क्योंकि इस समय गर्मी के कारण शरीर के अंदर और बाहर की तापमान बढ़ जाती है। इससे नाक के अंदर और चेहरे के आस-पास की नसों में सूजन हो सकती है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। गर्मी में भी अधिक गंदगी और प्रदूषण होता है, जो साइनस समस्याओं को और भी बढ़ावा देता है। इसके अलावा, गर्मी में वायुमंडल की स्थिति भी बदल जाती है, जिससे आसानी से संक्रमण फैलता है। इसलिए गर्मी में साइनस की समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

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