- पानी:- Typhoid में शरीर को पानी की अधिकता की आवश्यकता होती है। प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।
- दूध और दूध से बने उत्पाद:- दूध, दही, पनीर और छाछ जैसे उत्पादों का सेवन करें, क्योंकि ये प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत होते हैं।
- अदरक:- अदरक के पानी का सेवन करें, जो पाचन को सुधारता है और रोगी को आराम प्रदान करता है।
- खिचड़ी:- खिचड़ी आसानी से पाचन किया जा सकता है और उसमें प्रोटीन भी होता है, जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है।
- फल और सब्जियां:- अनार, सेब, पपीता, शिमला मिर्च, गाजर, खीरा, और गोभी जैसे फल और सब्जियां खाएं।
- नमक और शक्कर की मात्रा:- उचित मात्रा में नमक और शक्कर का सेवन करें, जैसे की शाकाहारी या अधिकतर पौष्टिक खाद्य पदार्थों में मौजूद होता है।
यदि आपको लगता है कि आपके या किसी और के शरीर में Typhoid है, तो डॉक्टर से परामर्श करें और उनकी सलाह अनुसार ही उपाय करें।
Typhoid में क्या नहीं खाना चाहिए ?
Typhoid में रोगी को कुछ भोजन और पेय की विशेष जरूरत होती है और कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करना चाहिए। निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को Typhoid में खाने से बचना चाहिए:
- अधिक तेलीय और तली हुई चीजें:- तेल, मांस, और तले हुए चीजें पाचन के लिए कठिन होती हैं और इससे ज्यादा लगाव हो सकता है।
- अधिक मसालेदार और तीखी चीजें:- मसालेदार खाने और तीखी चीजों के सेवन से पेट में अधिक जलन और दर्द हो सकता है।
- अनाज और फिबर युक्त भोजन:- अनाज और फाइबर युक्त भोजन पाचन के लिए कठिन होता है और इससे पेट में ज्यादा ब्लोटिंग हो सकती है।
- अन्य तरल पदार्थ:- कॉफी, अल्कोहल, और काफी अधिक मिठा पदार्थ भी त्याफाइड में खाना चाहिए।
- अधिक गरमी वाला और तला हुआ भोजन:- अधिक गरमी वाला और तला हुआ भोजन पाचन को कठिन बना सकता है और इससे बढ़ती हुई तापमान और परेशानी हो सकती है।
त्याफाइड में इन खाद्य पदार्थों का सेवन बंद करके, रोगी की स्थिति में सुधार हो सकता है और उन्हें शीघ्र लाभ मिल सकता है। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह और निर्देशों का पालन करना भी महत्वपूर्ण होता है
Typhoid क्यों होता है ?
त्याफाइड जो कि टाइफोइड बैक्टीरिया से होता है, स्लम्बरिया टाइफी नामक बैक्टीरियम के कारण होता है, जिसे सालमनेला टाइफी नाम से भी जाना जाता है। यह बैक्टीरिया अधिकतर खाद्य और पानी के संचालन के द्वारा लाभ मिलता है, जिसमें अधिकतर खाद्य में नमकीन और अस्वस्थ भोजन शामिल होता है।
यह बैक्टीरिया लूटने के बाद जीवाणुओं के संक्रमण के कारण फैलता है, और जब व्यक्ति इस जीवाणु से संक्रमित खाद्य या पानी का सेवन करता है, तो यह रोग हो सकता है।
यह बीमारी लगभग आधी दुनिया में होती है, और यह जीवाणुओं के इन्फेक्शन की वजह से त्याफाइड बीमारी होती है।